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 नीतीश कुमार के पाला बदल के साथ ही भाजपा के सामने भी होंगे तमाम सवाल

नीतीश कुमार के पाला बदल के साथ ही भाजपा के सामने भी होंगे तमाम सवाल



नीतीश कुमार ने जिस तरह एक बार फिर पाला बदलकर बिहार के मुख्यमंत्री की कुर्सी हासिल की उससे उनकी प्रतिष्ठा और विश्वसनीयता को चोट पहुंचना तय है। इसकी अनदेखी नहीं की जा सकती कि पिछले कुछ समय में मुख्यमंत्री के रूप में सुशासन बाबू की उनकी छवि कमजोर हुई है। इतना ही नहीं उनका जनाधार भी कम होते हुए दिखा है। 


बिहार में नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री पद से त्यागपत्र देकर जिस तरह कुछ ही घंटे के अंदर फिर से मुख्यमंत्री पद की शपथ ली, उससे एक बार पुनः यह स्पष्ट हुआ कि उनके लिए राजनीतिक मूल्यों-मर्यादाओं का कोई महत्व नहीं। अपनी सत्ता बचाने और मुख्यमंत्री बने रहने के लिए वह कुछ भी कर सकते हैं।