एकनाथ शिंदे ने उद्धव गुट के 'गद्दार' वाले बयान पर दिया ये जवाब
उस्मानाबाद से पहले धाराशिव जिले में एक रैली को संबोधित करते हुए शिंदे ने कहावे आरोप लगाते हैं कि उनकी पार्टी को चुरा लिया गया है और उन्होंने धोखा दिया है। अगर 50 विधायक और 13 सांसद गलत होते तो लोग बड़ी संख्या में हमारे साथ नहीं आते। आत्मनिरीक्षण करने के बजाय वे (UBT) हमें दिन-रात गद्दार कहकर रोते हैं। लेकिन उनके पास कोई नहीं बचा है।
उन्होंने बुधवार को कहा कि यदि 50 विधायक और 13 सांसद गलत होते, तो लोग बड़ी संख्या में उनका समर्थन नहीं करते। शिंदे ने शिवसेना के प्रतीक चिह्नों और अपने पूर्व पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले समूह की ओर परोक्ष तौर पर इशारा करते हुए कहा कि यह समय ‘‘अहंकार की मशाल’’ को इस धनुष-बाण से बुझाने का है।
एकनाथ शिंदे ने उद्धव गुट पर साधा निशाना
साल 2022 में शिवसेना दो गुटों में बंट गई है। चुनाव आयोग ने उनके समूह को 'शिवसेना' नाम और उसके धनुष-बाण चिह्न को बनाए रखने की अनुमति दी। ठाकरे के नेतृत्व वाले गुट को शिवसेना (यूबीटी)'जलती हुई मशाल' का निशान दिया गया है।
उस्मानाबाद से पहले धाराशिव जिले में एक रैली को संबोधित करते हुए शिंदे ने कहा,"वे आरोप लगाते हैं कि उनकी पार्टी को चुरा लिया गया है और उन्होंने धोखा दिया है।"
एकनाथ शिंदे ने बिना नाम लिए उद्धव ठाकरे पर किया पलटवार
“अगर 50 विधायक और 13 सांसद गलत होते तो लोग बड़ी संख्या में हमारे साथ नहीं आते। आत्मनिरीक्षण करने के बजाय, वे (यूबीटी) हमें दिन-रात गद्दार कहकर रोते हैं। लेकिन उनके पास कोई नहीं बचा है। गौरतलब है कि एकनाथ शिंदे ने नाम न लेते हुए उद्धव ठाकरे पर निशाना साधा है। उन्होंने आगे कहा, “अब हमारे पास धनुष-बाण है। हमें इससे अहंकार और अहंकार की मशाल को बुझाना है।”
शिंदे ने आगे कहा,"वे" शिकायत करते हैं कि शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे के आदर्शों को चुरा लिया गया है। “क्या आदर्शों की चोरी हो सकती है? उन्होंने 2019 में ही बाल ठाकरे के आदर्शों को छोड़ दिया। वे सिर्फ बाल ठाकरे की पार्टी का फंड चाहते थे।
आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर क्या बोले एकनाथ शिंदे
सीएम ने दावा किया कि चुनाव आयोग ने उनके गुट का निशान और फंड दिया तो उन्होंने हमें पत्र लिखकर पार्टी के 50 करोड़ रुपये की मांग की"। "मैंने तुरंत वह राशि देने का आदेश दिया क्योंकि हमें केवल बाल ठाकरे के आदर्शों की जरूरत थी, पार्टी के पैसे की नहीं।" शिंदे ने कहा कि शिवसेना कार्यकर्ताओं को सरकारी योजनाओं को महाराष्ट्र के लोगों तक ले जाना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उन्हें इसका लाभ मिले।
उन्होंने कहा, "हमें (सत्तारूढ़ गठबंधन) लोकसभा में 45+ सीटें जीती हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों को मजबूत करना है।" राज्य लोकसभा में 48 सांसद भेजता है। सत्तारूढ़ गठबंधन में अजित पवार के नेतृत्व वाली राकांपा भी शामिल है।