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 लकड़ी माफिया लगा रहे हैं पर्यावरण को पलीता

लकड़ी माफिया लगा रहे हैं पर्यावरण को पलीता

सरकार अपने नुमाइंदों को ही पर्यावरण सुरक्षा का पाठ पढ़ाए तो अधिक प्रभाव देखने को मिल सकता है।

कौशांबी। संदीपन घाट थाना क्षेत्र के कई गांवों में विशालकाय हरे व फलदार पेड़ो की कटान लकड़ी माफियाओं द्वारा धड़ल्ले से हो रहा है। प्रतिदिन सुबह से ही दर्जनों मजदूरों को लेकर इलेक्ट्रॉनिक पेट्रोल आरा मशीन के साथ लकड़ी माफिया पेड़ काटने के लिए गांव क्षेत्र में निकल जाते हैं और पूरे दिन पेड़ की कटाई होती है सब कुछ देखते हुए थाना चौकी पुलिस से लेकर वन विभाग तक मूक दर्शक बनी हुई है लकड़ी माफियाओं को हरे फलदार पेड़ कटने का परमिट कौन देता है आखिर क्यों ये बेधड़क होकर धड़ल्ले से हरे पेड़ो को काटे जा रहे है कहा फॉरेस्ट विभाग सो रहा है और पर्यावरण संरक्षण विभाग इसी तरह रहा तो एक दिन पूरी धरती वृक्ष विहीन हो जायेगी न बरसात होगी न ऑक्सीजन मिलेगी बिना पानी बिना ऑक्सीजन के जीवन मुमकिन नहीं है।


 लगातार पेड़ो की कटाई हो रही है प्रशासन और विभाग मौन है शासन को वन संरक्षण कानून को कड़ाई से लागू करना चाहिए और लकड़ी माफियाओं के साथ साथ जिन अधिकारियों के दाम पर ये हरे पेड़ काटे जा रहा है उन पर भी कड़ाई से कार्यवाही होनी चाहिए तभी पेड़ो की कटाई पर रोक लगेगी।

 बीते दो दिनों से संदीपन घाट थाना क्षेत्र के कई गांवों में महुआ और अन्य कई तरह से दर्जनों हरे पेड़ो को काट काट कर लकड़ी माफिया उठा ले गए हैं अपने मुनाफे के लिए इलाके के आधा दर्जन लकड़ी माफिया हरियाली और पर्यावरण को पलीता लगा रहे हैं। पैगम्बर पुर गांव में महुआ का बहुत बड़ा हरा पेड़ और महगांव में पांच बहुत बड़े नीम के हरे पेड़ और बुधवार को तीन बहुत बड़े छायादर चिरुड़ के हरे पेड़ो को काटा गया है शासन प्रशासन आंख बन्द किए हुए हैं।

 सरकार रोज रोज पर्यावरण संरक्षण का लोगो को पाठ पढ़ाती हैं इससे अच्छा सरकार अपने नुमाइंदों को ही पर्यावरण सुरक्षा का पाठ पढ़ाए तो अधिक प्रभाव देखने को मिल सकता है।