इलेक्ट्रिक वाहनों की चार्जिंग की सुविधा देगा पावर कॉरपोरेशन
रविवार, 17 मार्च 2024
यूपी रिन्यूएबल एंड ईवी इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के नाम से गठित की गई कंपनी
योगी सरकार ने प्रदेशवासियों की सुविधा के लिए नई कंपनी गठित की
न्यूनतम दरों पर इलेक्ट्रिक वाहनों को चार्जिंग सुविधा देगी कंपनी
यूपीपीसीएल गोयल ने नई कंपनी के लिए भेजा था प्रस्ताव
यूपी सरकार ने यूपीपीसीएल के प्रस्ताव पर लगाई मुहर
पावर कारपोरेशन के नियंत्रण में काम करेगी नई कंपनी
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के तहत इलेक्ट्रिक वाहनों के चार्जिंग के लिए बुनियादी संरचना एवं बेहतर सेवाएं प्रदान करने हेतु एक नई कंपनी यूपी रिन्यूवेबिल एण्ड ईवी इंफ्रास्ट्रक्चर लि. का गठन किया गया है। यह कंपनी उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन (यूपीपीसीएल) के नियंत्रणाधीन कार्य करेगी। UPPCL के अध्यक्ष डॉ. आशीष कुमार गोयल ने बताया कि प्रदेश में इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग में लगातार वृद्वि हो रही है। प्रतिवर्ष इसमें लगभग 47 प्रतिशत वृद्धि की संभावना है। केंद्र सरकार भी इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहित कर रही है।
आने वाले वर्षो में इलेक्ट्रिक वाहनों की चार्जिंग के लिए आवश्यक संसाधन उपलब्ध हों और जनता को इसके लिए असुविधा न हो। पावर कारपोरेशन के पास पूरे प्रदेश में बडी संख्या में जमीन एवं इलेक्ट्रिक इन्फ्रास्ट्रक्चर मौजूद है। जिसको देखते हुए कारपोरेशन ने सरकार के पास नई कंपनी के गठन का प्रस्ताव भेजा था, जिसे मुख्यमंत्री ने स्वीकृति प्रदान कर दी है। नई कम्पनी प्रदेश की वितरण, पारेषण, तथा उत्पादन कंपनियों के पास उपलब्ध भूमि बैंक, राज्य के विभिन्न राजमार्गो, राष्ट्रीय हाईवे, शहर एवं अन्य उपयुक्त स्थानों पर इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग इन्फास्ट्रक्चर का विकास और रखरखाव करेगी।
यूपी रिन्यू वेबिल एंड ईवी इंफ्रास्ट्रक्चर लि. नाम से गठित इस कंपनी का उद्देश्य ईवी चार्जिंग हेतु इन्फ्रास्ट्रक्चर का विकास कर जनता को चार्जिंग सेवा प्रदान करना होगा। कंपनी उपभोक्ताओं के लिए वाणिज्यिक शुल्क का निर्धारण भी करेगी। इस कंपनी का गठन कंपनी अधिनियम 2013 के तहत एक सरकारी कंपनी के रूप में किया गया है। जोकि उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लि. की पूर्ण स्वामित्व (100 प्रतिशत) की सहायक कंपनी होगी। इसका मुख्यालय शक्ति भवन होगा। कारपोरेशन के अध्यक्ष कंपनी के पदेन अध्यक्ष बनाए गए हैं। पूर्णकालिक प्रबन्ध निदेशक की नियुक्ति उत्तर प्रदेश शासन द्वारा की जाएगी।