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 लोकसभा आमचुनाव की तिथि की घोषणा के सम्बंध में BSP राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने दी प्रतिक्रिया

लोकसभा आमचुनाव की तिथि की घोषणा के सम्बंध में BSP राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने दी प्रतिक्रिया



देश में लोकसभा आमचुनाव 2024 के लिए आज तिथि की हुई घोषणा का स्वागत, किन्तु यदि यह चुनाव कम समय में करीब तीन या चार चरणों में होता तो यह ज्यादा बेहतर होता, जिससे समय व संसाधन दोनों की बचत के साथ ही चुनावी खर्च कम करना संभव होता। चुनावी माहौल भी लगातार तनावपूर्ण, जातिवादी एवं साम्प्रदायिक बने रहने सहित और भी समस्यायें इससे दूर होतीं।


लखनऊ।  शनिवार बहुजन समाज पार्टी (बी.एस.पी.) की राष्ट्रीय अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री व पूर्व सांसद  मायावती द्वारा लोकसभा आमचुनाव की तिथि की घोषणा के सम्बंध में दी गयी प्रतिक्रिया के सम्बन्ध में यह कहना है कि


आज इलेक्शन कमीशन ऑफ इण्डिया द्वारा, देश में आगामी लोकसभा आमचुनाव 2024 के लिए तिथि व कार्यक्रम की घोषणा की गई है, जिसका हमारी पार्टी बी.एस.पी. स्वागत करती है। हालाँकि देश के लोगों को, हर चुनाव की तरह ही, इस चुनाव का भी काफी बेसब्री से इंतज़ार था।


वैसे तो आयोग द्वारा घोषित चुनावी कार्यक्रम फाइनल है, जिसके अनुसार यह चुनाव कुल मिलाकर सात चरणों में लगभग ढाई महीनों में पूरा होगा, किन्तु यदि यह चुनाव कम से कम समय में अर्थात तीन या चार चरणों में पूरा हो जाता तो यह बेहतर होता, जिससे देश के समय व संसाधन दोनों के लाभ के साथ ही चुनावी खर्च कम करना भी संभव होता। साथ ही, चुनावी माहौल को लगातार तनावपूर्ण, जातिवादी व साम्प्रदायिक बने रहने सहित अन्य और भी कई समस्यायें इससे दूर होने की संभावना है।


इतना ही नहीं बल्कि चुनाव के ख़र्चीले व लम्बे समय तक खींचे जाने से ख़ासकर गरीबों, उपेक्षितों व कमज़ोर तबकों के तन, मन, धन से चलने वाली पार्टी बी.एस.पी. को, धनवान पार्टियों से सही और ईमानदार तरीके से मुकाबला करना लगातार बहुत मुश्किल होता जा रहा है।


इसके साथ ही, देश में लोकतंत्र की ज़मीनी मज़बूती के लिए चुनाव का पहली नज़र में ही स्वतंत्र व निष्पक्ष होना बहुत ज़रूरी है, जिसकी संवैधानिक ज़िम्मेदारी निभाने के लिए निर्वाचन आयोग से बहुत सारी उम्मीदें यहाँ देश के लोगों में भी ख़ासकर गरीबों, महिलाओं, कमज़ोर तबकों व अन्य मेहनतकश लोगों को हैं।


ऐसे में निर्वाचन आयोग द्वारा यहाँ पूर्ण रूप से स्वतंत्र व निष्पक्ष चुनाव कराने के क्रम में सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग को पूरी सख़्ती के साथ रोकने के साथ ही साथ, विभिन्न राजनीतिक पार्टियों को समान चुनावी अवसर प्रदान कराने के लिए आदर्श चुनाव आचार संहिता रीढ़ का काम करता है, जिसका भी सही व सख्ती से अनुपालन कराना बहुत ज़रूरी है।


इसके अलावा, दबंग व सामंती तत्वों द्वारा लोगों को वोट डालने तथा अन्य और तरीके से स्वतंत्र व निष्पक्ष चुनाव में बाधा डालने की शिकायतें भी यहाँ आम रही हैं, जिसको लेकर भी चुनाव आयोग को प्रभावी कदम उठाना बहुत ज़रूरी है। साथ ही, बहुचर्चित चुनावी बॉण्ड के सम्बंध में माननीय सुप्रीम कोर्ट


का अति-महत्वपूर्ण फैसला आ जाने के बाद, सरकारी मशीनरी में भी ख़ासकर पुलिस प्रशासन अर्थात् राज्यों के सुरक्षा बलों को पूरी तरह से स्वतंत्र, निष्पक्ष व कानून के प्रति ज़िम्मेदार बनाने से चुनाव के लिए केन्द्रीय सुरक्षा बलों पर अत्याधिक निर्भरता कम की जा सकती है, जिसका चुनावी ख़र्च कम करने पर खासकर असर पड़ेगा। इसके अलावा, चुनावी प्रक्रिया आदि को लेकर जनता की अन्य और भी जो विभिन्न शिकायतें हैं उनके भी सही समाधान की ओर चुनाव आयोग को, लोकतंत्र के व्यापक हित में, ज़रूर समुचित ध्यान देना चाहिए।


कुल मिलाकर, देश में जन संतोष के अनुसार पूरी तरह से स्वतंत्र व निष्पक्ष चुनाव कराकर


लोकतंत्र को मज़बूती प्रदान करने की शक्ति व संवैधानिक ज़िम्मेदारी भारत निर्वाचन आयोग में निहित है


और वह अपने दायित्व पर पूरी तरह से खरा उतरेगा, इसकी देश को आशा है। इसके साथ ही, देश में


ख़ासकर केन्द्र व विभिन्न राज्यों की रूलिंग पार्टियों को भी इस दायित्व के प्रति ईमानदार होना बहुत


जरूरी है, ताकि देश का लोकतंत्र व इसका संविधान अपनी मानवतावादी व कल्याणकारी मंशा के मुताबिक


चलता रहे जिसमें ही देश व जनहित पूरी तरह से निहित है। और अब अन्त में देश के लोगों से भी यह


पुरजोर अपील है कि वे लोकतंत्र के इस सेक्युलर त्यौहार में खूब बढ़-चढ़ कर व पूरे दिल-जान से


हिस्सा लें और अपनी सर्वजन हितैषी पार्टी व सरकार को चुनें।