11 साइबर शातिर गिरफ्तार; बैंक खातों में होल्ड कराए 93 लाख
मुजफ्फरपुर। साइबर थाना पुलिस ने अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन वाले साइबर फ्रॉड गिरोह के 11 शातिरों को गिरफ्तार किया है। इनके पास से लैपटाप टैब सिम कार्ड डेबिट कार्ड नोटबुक रजिस्टर व अन्य समान जब्त भी किया गया है। साइबर फ्रॉड के माध्यम से ठगी के जरिए इस गिरोह के कई बैंक खातों में ट्रांसफर किए गए 93 लाख रुपये को भी होल्ड कराया गया है। इसमें पश्चिमी चंपारण जिले के मझौलिया थाना के बखरिया गांव का मुरारी कुमार, राजकुमार, बहुअरिया गांव का नवीन कुमार, सेनुअरिया गांव का शिवम कुमार, पूर्वी चंपारण जिला के पिपराकोठी थाना के ढेकहां गांव का आयुष कुमार उर्फ रूद्रा, राजेपुर थाने के काशीपकड़ी गांव का निशांत कुमार शामिल हैं।
इनके अलावा पकड़ीदयाल थाने के बड़कागांव का हिमांशु कुमार, मुफस्सिल थाने के रूपडीह गांव का रोशन कुमार, ढेकहां बाजार गांव का नेहाल कुमार, मूलरूप से मुजफ्फरपुर जिले के मोतीपुर थाने के अंजनाकोट गांव व वर्तमान में पूर्वी चंपारण जिले के पकड़ी दयाल थाने के पकड़दयाल गांव का सम्मी कुमार व सिवाईपट्टी थाने के पैगबंरपुर का रविरोशन को भी गिरफ्तार किया गया है।
ये सामान हुआ बरामद
इनके पास से लैपटाप, टैब, सिम कार्ड, डेबिट कार्ड, नोटबुक, रजिस्टर व अन्य समान जब्त किया गया है। साइबर फ्रॉड के माध्यम से ठगी किए गए इस गिरोह के कई बैंक खातों में ट्रांसफर किए गए 93 लाख रुपये को होल्ड कराया गया है। यह गिरोह विदेशों के तीन देशों के साइबर फ्रॉड गिरोह के साथ मिलकर ठगी का धंधा करता था।
इसके बदले ठगी के रुपये में से 10 प्रतिशत का कमीशन इस गिरोह को मिलता था। इसकी जानकारी वरीय पुलिस अधीक्षक राकेश कुमार ने मंगलवार को कार्यालय कक्ष में प्रेस कान्फ्रेंस में दी। मौके पर साइबर थानाध्यक्ष व पुलिस उपाधीक्षक सीमा देवी व दिवेश द्विवेदी भी मौजूद थे।
चार की गिरफ्तारी से जुड़ा तार, पकड़े गए शातिर
वरीय पुलिस अधीक्षक ने बताया कि सोमवार को गुप्त सूचना मिली कि सिवाईपट्टी थाने के पैगंबरपुर गांव में एक मकान में लैपटाप व मोबाइल के माध्यम से साइबर अपराध की घटना को अंजाम दिया जा रहा है। इस पर साइबर थानाध्यक्ष व पुलिस अधीक्षक सीमा देवी के नेतृत्व में विशेष टीम गठित की गई।
टीम ने मानवीय व तकनीकी आसूचना के आधार पर वहां छापेमारी की। इस दौरान आयुष कुमार उर्फ रूद्रा, रवि रोशन कुमार, निशांत कुमार व हिमांशु कुमार को गिरफ्तार किया गया। इनके पास से साइबर फ्रॉड में प्रयुक्त लैपटाप, मोबाइल, सिम कार्ड, विभिन्न बैंकों का डेबिट कार्ड, चेक बुक व बैंक की वेलकम किट जब्त की गई।
जुड़ते गए अन्य लोगों के तार
शातिरों से पूछताछ में गिरोह में शामिल अन्य के तार जुड़ते गए। इनकी निशानदेही पर रोशन कुमार, नेहाल कुमार व सम्मी कुमार को गिरफ्तार किया गया। इसके पास से मोबाइल बैंकों के डेबिट कार्ड व सिम कार्ड जब्त किए गए।
इसकी निशानदेही पर मुरारी कुमार, शिवम कुमार, व राजकुमार को गिरफ्तार किया गया। इनके पास से साइबर फ्रॉड में प्रयुक्त मोबाइल, विभिन्न बैंकों का डेबिट कार्ड, सिम कार्ड, सिम कार्ड चस्पा किया ठगी से वसूले गए रुपये के लेन-देन के हिसाब का रजिस्टर जब्त किया गया।
गिरोह के पास से ये सामान किया गया जब्त
जब्त किए गए समान में लैपटाप- एक , टैब-एक , सिम कार्ड- 36, डेबिट कार्ड- 21, इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक कार्ड- दो, विभिन्न बैंकों की वेलकम किट-चार, चेकबुक का पृष्ट-तीन, एटीएम कैश डिपोजिट स्लिप-पांच, सिम कार्ड चस्पा किया ठगी के हिसाब-किताब वाला रजिस्टर-एक, पर्स- दो, पेन ड्राइव-एक, रुपये के लेनदेन वाली छोटी नोटबुक-एक व खाता संख्या लिखे पेपर-दो शामिल है।
मुरारी मास्टरमाइंड व नवीन साइबर एक्सपर्ट
पश्चिमी चंपारण जिला के मझौलिया थाने के बखरिया गांव का मुरारी कुमार इस गिरोह का मास्टर माइंड है। वहीं हाल ही में गिरोह में शामिल बहुअरवा गांव का नवीन कुमार साइबर एक्सपर्ट है। वर्ष- 2022 में मुरारी कुमार को डकैती की साजिश रचने, लूटे गए सामान की बरामदगी व आइटी एक्ट के तहत मझौलिया थाने में 29 मई 2022 को प्राथमिकी कराई गई थी।
इस गिरोह में शामिल शिवम कुमार को साइबर फ्रॉड से ठगी के आरोप में पिछले साल मध्यप्रदेश के भोपाल से गिरफ्तार किया गया था। वरीय पुलिस अधीक्षक ने बताया कि यह गिरोह अलग-अलग तरीके से लोगों से ठगी करता था। कभी पुलिस बनकर किसी स्वजन को गंभीर मामले में गिरफ्त में होने का झांसा देकर मोटी राशि वसूलता था।
इन देशों से जुड़े तार
इस गिरोह का तार पाकिस्तान, बांग्लादेश व दुबई से जुड़ा है। कभी किसी मल्टीनेशनल कंपनी से मिलती वेबसाइट बनाकर फ्रेंचाइजी देने का झांसा देकर ठगी करता था। वरीय पुलिस अधीक्षक ने बताया कि अधिकतर साइबर फ्रॉड गिरोह का तार पश्चिमी चंपारण जिले के मझौलिया से जुड़ता नजर आता है।
प्रतिदिन तीन लाख की कमाई, रजिस्टर में रखा जाता था गिरोह का ब्योरा
वरीय पुलिस अधीक्षक ने बताया कि इस गिरोह की प्रतिदिन औसत तीन लाख रुपये की अवैध कमाई होती थी। इस गिरोह के पास से एक रजिस्टर जब्त किया गया है। इसमें गिरोह का व्यवस्थित तरीके से पूरा ब्योरा दर्ज है। गिरोह की ओर से प्रयुक्त सिम कार्ड को रजिस्टर के पन्नों पर चस्पा किया गया है। यह सिम कार्ड किसके नाम से है।
इसमें से कौन सा सिम चालू है और इसका प्रयोग किससे कितना ठगी किया गया। रजिस्टर में बैंक खाते का पूरा वर्णन है। दर्ज है कि किस खाते में कब कितने रुपये ट्रांसफर किए गए। किसे कितना हिस्सा दिया गया। गिरोह में कौन-कौन शामिल है और वह कहां से काम कर रहा है। उसने कितने रुपये की ठगी की है। गिरोह में शामिल होने वाले नए शातिर भी इस रजिस्टर में दर्ज है।