अखिलेश ने लखनऊ में इस चेहरे को दे दी यह बड़ी जिम्मेदारी
लखनऊ। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सुशील दीक्षित को हटाकर फाखिर सिद्दीकी को नगर अध्यक्ष बनाने का पत्र जारी भी कर दिया। आइएनडीआइए गठबंधन में लखनऊ लोकसभा सीट समाजवादी पार्टी के खाते में है। पार्टी ने पूर्व मंत्री और लखनऊ मध्य विधानसभा से विधायक रविदास मेहरोत्रा को अपना प्रत्याशी बनाया है। सपा और बसपा की नजर करीब 5 लाख मुस्लिम मतदाताओं पर है।
अखिलेश ने जारी कर दिया पत्र
सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सुशील दीक्षित को हटाकर फाखिर सिद्दीकी को नगर अध्यक्ष बनाने का पत्र जारी भी कर दिया। आइएनडीआइए गठबंधन में लखनऊ लोकसभा सीट समाजवादी पार्टी के खाते में है। पार्टी ने पूर्व मंत्री और लखनऊ मध्य विधानसभा से विधायक रविदास मेहरोत्रा को अपना प्रत्याशी बनाया है। सपा और बसपा की नजर करीब 5 लाख मुस्लिम मतदाताओं पर है। यहीं कारण है कि भाजपा से राजनाथ सिंह के मुकाबले सपा ने रविदास मेहरोत्रा को उतारा तो बसपा ने सरवर मलिक के रूप में मुस्लिम कार्ड खेल दिया।
फखर 1998 से रहे हैं इस पद पर
सपा ने गुरुवार को ही पार्टी के पुराने नेता फाखिर सिद्दीकी को बड़ी जिम्मेदारी सौंप दी। फाखिर वर्ष 1998 से 2004 तक और फिर 2016 से 2020 तक समाजवादी पार्टी के नगर अध्यक्ष रहे हैं। वर्ष 2009 में बसपा के नगर अध्यक्ष भी रहे हैं। उन्होंने लखनऊ पूर्वी से वर्ष 2007 में विधानसभा चुनाव लड़ा था।
वर्ष 2012 के विधान सभा चुनाव में लखनऊ मध्य सीट से सपा के रविदास मेहरोत्रा के खिलाफ फाखिर सिद्दीकी ने कांग्रेस से चुनाव लड़ा था। फाखिर सिद्दीकी लखनऊ पूर्वी सीट के उपचुनाव के टिकट के भी दावेदार थे। यह सीट सपा कांग्रेस को दे सकती है। इस बीच अखिलेश यादव ने लखनऊ से समीकरण को देखते हुए नगर संगठन की जिम्मेदारी सुशील दीक्षित से लेकर फाखिर सिद्दीकी को सौंपने का निर्णय लिया।
पार्टी नेतृत्व इससे मुस्लिम मतदाताओं के बीच फाखिर सिद्दीकी के चेहरे को आगे करके रविदास मेहरोत्रा को चुनाव लड़ाकर संदेश भी देगी। पिछले कुछ दिनों से फाखिर सिद्दीकी नगर की जगह जिला संगठन में सक्रिय हो गए थे। इसके पीछे उनकी नगर संगठन से नाराजगी मानी जा रही थी। अखिलेश यादव ने इससे पहले मोहनलालगंज लोकसभा सीट पर भी पूर्व अशोक यादव पर भरोसा जताते हुए उनको चुनाव प्रभारी बनाया है।