जन हित में जारी, संवैधानिक संस्थाओ का जो हाल इस सरकार में हुआ है वो शायद आपातकाल में भी नहीं हुआ होगा
1984 में जब अमिताभ बच्चन कांग्रेस के चिन्ह पर चुनाव लड़ रहे थे तब चुनाव आयोग ने दूरदर्शन पर उनकी किसी भी फ़िल्म के प्रसारण पर रोक लगा दी थी। चुनाव कांग्रेस की सरकार करा रही थी।
1991 के चुनाव में जनता दल का चुनाव निशान 'चक्र' था। TV पर Wheel डिटर्जेंट पाउडर का प्रचार आता था, जिसमें चक्र घूमता हुआ आता था, चुनाव आयोग ने उस ऐड पर रोक लगा दी थी।
चुनाव जनता दल की सरकार ही करा रही थी।
2014 के चुनाव में चंडीगढ़ में एक पार्क में जिसमें एक बड़ा सा हाथ का पंजा लगा हुआ था, उस पंजे को चुनाव आयोग ने कपड़े से ढकवा दिया था। उत्तर प्रदेश के पार्कों में हाथी की मूर्तियाँ पर्दे से ढक दी गयी थी।चुनाव कांग्रेस की सरकार करा रही थी
अब वाले चुनाव भाजपा सरकार करा रही है। भगवान राम के नाम पर वोट मांगा जा रहा है उनके तस्वीर को बूथ के बाहर लगाया जा रहा है। नरेन्द्र मोदी जी रोज मंच से ध्रुवीकरण की राजनीत कर रहें हैं। दिन रात मीडिया में महिमामंडन हो रहा है। हेमा मालिनी के ऐड टीवी पर धड़ल्ले से चल रहे है. चुनाव आयोग मूक दर्शक बना देख रहा है!
संवैधानिक संस्थाओ का जो हाल इस सरकार में हुआ है वो शायद आपातकाल में भी नहीं हुआ होगा।