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धर्मनगरी अयोध्या और तीर्थराज प्रयाग में बनेगा अतिविशिष्ट राज्य अतिथि गृह

धर्मनगरी अयोध्या और तीर्थराज प्रयाग में बनेगा अतिविशिष्ट राज्य अतिथि गृह

 


मुख्यमंत्री ने देखी नए अतिथि गृहों की डिजाइन, कहा वास्तुकला में हो वैष्णव परंपरा की झलक

राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राज्यपाल, मुख्यमंत्री आदि के सुरक्षा व सुविधा प्रोटोकॉल के अनुरूप बनेंगे नए अतिथि गृह

ग्रीन बिल्डिंग के रूप में विकसित होंगे दोनों नए अतिथि गृह

नए गेस्ट हाउस में ओडीओपी ब्लॉक भी हो, उत्तर प्रदेश की विविधतापूर्ण शिल्पकला से अतिथि गणों का होगा परिचय


लखनऊ, 21 जून: धर्मनगरी अयोध्या और तीर्थराज प्रयाग में राज्य सरकार अतिथि गृहों के निर्माण कराने जा रही है। शुक्रवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दोनों अतिथि गृहों के निर्माण स्थल, ले-आउट, सुविधाओं और साज-सज्जा आदि के संबंध में प्रस्तुतिकरण का अवलोकन किया।


राज्य संपत्ति विभाग के अधिकारियों के साथ हुई इस बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रीरामजन्मभूमि मंदिर स्थापना के बाद अयोध्या में माननीय राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राज्यपाल, सहित देश-दुनिया से अनेक विशिष्ट-अतिविशिष्ट अतिथियों का आगमन हो रहा है। इनके प्रवास के लिए सुरक्षा व सुविधा के उत्कृष्ट मानकों के साथ गेस्ट हाउस की आवश्यकता है। इसी प्रकार प्रयागराज में गणमान्य जनों के बेहतर आतिथ्य के लिए एक सर्वसुविधायुक्त अतिथि गृह बनाया जाना आवश्यक है। इसके लिए प्रक्रिया यथाशीघ्र प्रारंभ कर दी जाए।


अयोध्या में प्रस्तावित अतिथि गृह के संबंध में चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अयोध्या में सरयू नदी के किनारे पर्यटन विभाग की भूमि अतिथि गृह के लिए उपयुक्त होगी। यहां करीब साढ़े तीन एकड़ के क्षेत्र में अतिथि गृह बनाया जा सकता है। भवन की वास्तुकला में वैष्णव परंपरा की झलक होनी चाहिए। भवन की ऊंचाई तय करते समय इसका ध्यान रखें कि किसी भी दशा में यह श्रीरामजन्मभूमि मन्दिर से ऊंचा न हो। 


वहीं, प्रयागराज में लगभग 10300 वर्ग मीटर एरिया में प्रस्तावित अतिथि गृह महर्षि दयानंद मार्ग पर होगा। यहां कॉन्फ्रेंस हॉल, डायनिंग हॉल, कैंटीन आदि की उपलब्धता होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि अतिविशिष्ट अतिथियों को आगमन को ध्यान में रखते हुए दोनों अतिथि गृहों में पार्किंग की समुचित व्यवस्था होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अतिथि गृहों में ओडीओपी ब्लॉक भी हो ताकि आगंतुक गण प्रदेश की विविधतापूर्ण शिल्पकला से परिचय कर सकें।