अब होगी I.N.D.I.A की 'अग्निपरीक्षा'; 10 जुलाई को हो जाएगा फैसला
मंगलवार, 11 जून 2024
इस बार उप चुनाव में वहां पप्पू से अड़ंगे की आशंका है। वैसी स्थिति में महागठबंधन के नेतृत्वकर्ता राजद को कांग्रेस से हस्तक्षेप की अपेक्षा होगी। कांग्रेस के प्रदेश नेतृत्व के लिए पप्पू को मनाना सहज भी नहीं होगा। ऐसे में केंद्रीय नेतृत्व का ही आसरा होगा।
पांच बार विधायक रही हैं बीमा भारती
विधानसभा का पहला चुनाव निर्दलीय जीतने वाली बीमा पांच बार विधायक रही हैं। एक बार राजद से और पिछली तीन पारी जदयू से। एक समय वे नीतीश कुमार के मंत्रिमंडल की सदस्य भी रहीं। पिछले वर्ष प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के दौरान उनका मन विचलित हुआ। संसद पहुंचने की महत्वाकांक्षा में वे जदयू छोड़ राजद के पाले में चली गईं।
पूर्णिया में हुई दुर्गति के बाद विरोधी उनके राजनीतिक अवसान का ताना-बाना बुनने लगे हैं, जबकि बीमा रूपौली से उप चुनाव लड़कर अपना अस्तित्व सिद्ध करने की उधेड़बुन में हैं। बाहुबली पति अवधेश मंडल के कारण राजनीतिक वर्चस्व बनाए रखने की उनकी विवशता है।
गंगोता समाज के वोटर निर्णायक
रूपौली में गंगोता समाज के मत निर्णायक हैं, जिसके बूते बीमा अब तक राजनीति करती रही हैं। इस बार उप चुनाव में उस समाज की प्रतिबद्धता भी कसौटी पर होगी कि वह व्यक्ति प्रभावित है या दल-गठबंधन से। हालांकि, लोकसभा चुनाव में उसका रुझान मिल गया है। रूपौली में 10 जुलाई को मतदान होना है।
राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में रूपौली पर जदयू की दावेदारी स्वाभाविक है, लेकिन महागठबंधन के भीतर समन्वय में अड़चन आएगी। पिछले कई चुनावों में वहां सम्मानजनक वोट पाने वाली भाकपा ने अभी दावेदारी छोड़ी नहीं है। बुधवार को बैठक कर वह अपना रुख तय करेगी।