Acid Attack में झुलसी पीड़िता; CM योगी KGMU प्रशासन से फोन पर लिया हालचाल
शुक्रवार, 5 जुलाई 2024
एसिड अटैक में जख्मी केजीएमयू एमबीबीएस द्वितीय वर्ष के छात्र व उसकी 22 वर्षीय मौसेरी बहन की हालत खतरे से बाहर है। दोनों रोगियों का उपचार केजीएयमू प्लास्टिक सर्जरी विभाग में डॉ. रवि कुमार सिंह एवम प्रो बृजेश मिश्रा की देख-रेख में चल रहा है।
चौक स्टेडियम के पास घटना बुधवार सुबह करीब 8 बजे की है। अज्ञात हमलावर ने तेजाब से केजीएमयू एमबीबीएस छात्र व उसकी मौसेरी बहन पर हमला कर दिया। छात्र की मौसेरी बहन नेशनल पीजी कॉलेज से बीबीए ग्रेजुएट है।
छात्रा के चेहरे और दोनों बांह रसायन से झुलस गए हैं। जबकि छात्र के पीठ और दाहिनी बांह जल गई है। दोनों पीड़ितों को ट्रॉमा सेंटर लाया गया। यहां प्लास्टिक सर्जरी विभाग की टीम के निगरानी में मरीजों का इलाज चल रहा है। दोनों की तबीयत स्थिर है। हालत खतरे से बाहर है। डॉक्टर लगातार मरीजों की सेहत की निगरानी कर रहे हैं।
छात्र की स्थिति - 10% बर्न
छात्र की मौसेरी बहन की स्थिति - 5% बर्न
बुधवार सुबह हुए एसिड अटैक की शिकार युवती की हालत गंभीर है। वह सदमे में है। केजीएमयू में भर्ती पीड़िता का 40 फीसदी चेहरा तेजाब से झुलसा है। इसमें दोनों गाल और पलकों पर घाव हैं। इसके रिकंस्ट्रक्शन में इलाज का निर्धारण करीब एक से डेढ़ सप्ताह बाद, घाव सूखने पर किया जाएगा। वहीं उसके मौसेरे भाई की पीठ 20 प्रतिशत झुलसी है।
घाव की गहराई का अंदाजा नहीं लगाया जा सकताः डॉ. विजय कुमार
केजीएमयू के प्लास्टिक सर्जरी विभागाध्यक्ष डॉ. विजय कुमार ने बताया कि युवती के घाव ताजे हैं, इसलिए घाव की गहराई का अंदाजा नहीं लगाया जा सकता है। एक से दो सप्ताह में घाव सूखने पर, बर्न की गंभीरता पता चलेगी। इसके बाद तय किया जाएगा कि स्किन ग्राफ्टिंग (शरीर के अन्य हिस्से से स्वस्थ त्वचा लेकर प्रत्यारोपित करना) की जाए या रक्त आपूर्ति बरकरार रखते हुए त्वचा प्रत्यारोपण लगेगा। उसके भाई की पीठ के घाव ज्यादा गंभीर हैं। चेहरे को सामान्य स्थिति में लाए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि घाव के निशान नहीं होंगे, लेकिन ग्राफ्टिंग के निशान जरूर दिखेंगे। घाव चेहरे के मुख्य हिस्से पर हैं, इसलिए प्रयास किया जाएगा कि चेहरे की सुंदरता को सुरक्षित रखा जाए और ग्राफ्टिंग के निशान कम दिखाई पड़ें।