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राज्यपाल के कार्यक्रम में दो बार बिजली गुल

राज्यपाल के कार्यक्रम में दो बार बिजली गुल



 
काशी विद्यापीठ के दीक्षांत समारोह में ऑडिटोरियम में चल रहा था कार्यक्रम।

बिजली जाते ही सन्नाटा छा गया, 30 सेकेंड बाद लाइट हुई बहाल।

जैसे ही राज्यपाल बुकलेट उठाकर पढ़ने लगीं।

फिर से 30 सेकेंड के लिए लाइट कट गई।

राज्यपाल ने दीक्षांत समारोह की घोषणा के लिए माइक उठाया तो वो भी नहीं चला।

इसके बाद उन्होंने बिना माइक के ही दीक्षांत समारोह के शुरुआत की घोषणा की।

जिस समय लाइट गई मंच पर पावर कार्पोरेशन ऑफ इंडिया के CMD आर के त्यागी भी मौजूद थे।


लखनऊ। उत्तर प्रदेश के वाराणसी में स्थित महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के 46वें दीक्षांत समारोह में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुई। बतौर कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल की मौजूदगी में दीक्षांत समारोह में उस समय हड़कंप मच गया जब दो बार बिजली कट गई। बिजली कटते ही विश्वविद्यालय प्रशासन के अधिकारी घबरा गए।

दीक्षांत समारोह के दौरान बिजली कटने की चर्चा के बीच राज्यपाल से जब कुलपति से दीक्षांत समारोह को आगे बढ़ाने की अनुमति मांगी। जैसे ही राज्यपाल महोदया ने अनुमति देने के लिए माइक उठाया तो माइक खराब निकला। राज्यपाल को दूसरी माइक दी गई और दूसरी माइक भी खराब निकला। ऐसे में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल बिना माइक ही दीक्षांत समारोह के शुरू करने की अनुमति देते हुए घोषणा किया।

काशी विद्यापीठ के दीक्षांत समारोह में उत्तर प्रदेश के उच्च शिक्षा कैबिनेट मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने शिक्षको और छात्रों को संबोधित किया। इस दौरान योगेंद्र उपाध्याय ने शिक्षको को अपना दर्द बयां करते हुए कहा कि आज मौजूदा समय में देश दो धाराओं में बंट गया है। एक तरफ एक व्यक्ति देश को चांद और सूरज तक पहुंचाने के लिए कार्य कर रहा है, तो वही एक ऐसा व्यक्ति है जो देश को जाति में बांट रहा है। उन्होंने कहा कि मैं कुछ लोगो का नाम नहीं लेना चाहता, लेकिन वह देश को बांट रहे है। एक व्यक्ति है, जो भारत माता की जय नही कहता और एक व्यक्ति है अमेरिका की गलियों और चौराहों पर भारत माता की जय का उद्घोष करवा रहा है। कुछ ऐसे लोग भी देश में है,जो देश को बांटने में लगे गई। ऐसे में शिक्षक का कर्तव्य है, कि समाज किस धारा में जाए यह उन्हें बताना और शिक्षित करना है।