-->
यूपी के 32,000 सरकारी कर्मचारियों की सितंबर की रोकी सैलरी :  योगी सरकार की एक और बड़ी कार्रवाई

यूपी के 32,000 सरकारी कर्मचारियों की सितंबर की रोकी सैलरी : योगी सरकार की एक और बड़ी कार्रवाई


 लखनऊ - योगी सरकार की एक और बड़ी कार्रवाई।

यूपी के 32,000 सरकारी कर्मचारियों की सितंबर की रोकी सैलरी।

संपत्ति का ब्योरा न देने पर शासन की बड़ी कार्रवाई।

32624 राज्य कर्मचारियो का रोका गया वेतन।

30 सितम्बर तक संपत्ति की घोषणा की थी अंतिम तिथि।

यूपी मे 825967 राज्य कर्मचारी।

793343 कर्मचारियों ने दिया संपत्ति का विवरण।

राज्य सरकार भ्रष्टाचार पर नकेल लगाने के लिए आईएएस व पीसीएस अधिकारियों की तरह राज्य कर्मियों को भी संपत्तियों का ब्योरा देना अनिवार्य कर दिया गया है।

पहले चरण में मानव सम्पदा पोर्टल पर सभी कर्मियों का पूरा ब्यौरा फीड कराया गया।


इसके बाद अप्रैल में मानव संपदा पोर्टल पर ऑनलाइन संपत्तियों का ब्यौरा देना अनिवार्य किया गया।बताया जा रहा है कि यूपी के आठ लाख 27 हजार 583 सरकारी कर्मचारियों में से सिर्फ 7 लाख 88 हजार 506 कर्मचारियों ने ही प्रॉपर्टी डिटेल सौंपी है। 39 हजार 77 कर्मचारियों ने अंतिम तिथि बीत जाने के बावजूद भी संपत्ति विवरण नहीं अपलोड किया है। कृषि विभाग के 99 फीसदी कर्मचारियों ने डिटेल जमा कर दिया है। पंचायती राज, आयुष और शिक्षा विभाग के भी 95 फीसद कर्मचारियों ने संपत्ति की डिटेल जमा कर दी है। जिन विभाग के कर्मचारियों से संपत्ति का ब्यौरा मांगा गया है, उनमें टेक्सटाइल, सैनिक कल्याण, ऊर्जा, खेल, कृषि, महिला कल्याण, बेसिक शिक्षा, उच्च शिक्षा, चिकित्सा, राजस्व और स्वास्थ्य विभाग है।


योगी सरकार ने कई बार समयसीमा बढ़ाई थी। पिछले साल अगस्त के बाद दिसंबर और फिर इस साल जून तक टाइम लिमिट बढ़ाई गई थी। 6 जून को राज्य सरकार ने समयसीमा 30 जून तक बढ़ाते हुए कहा कि संपत्ति की जानकारी नहीं देने वालों के खिलाफ उत्तर प्रदेश सरकारी सेवक (अनुशासन और अपील) नियमावली-1999 के तहत अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। लेकिन इसके बाद एक बार फिर डेडलाइन 31 अगस्त कर दी गई। इसके बाद डेडलाइन बढ़ाकर 30 सितंबर कर दी गई। इसके बावजूद 32 हजार कर्मचारियों ने अभी तक प्रॉपर्टी डिटेल नहीं सौंपा है।