बुलडोजर मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने अनुच्छेद 142 के तहत निर्देश जारी किए
सुप्रीम कोर्ट ने आज बुलडोजर एक्शन पर फैसला सुनाते हुए कहा कि अवैध निर्माण के आधार पर किसी का घर तोड़ने के समय वीडियोग्राफी हो और कार्रवाई के समय वहां पर मौजूद सभी अधिकारियों के नाम नोट कर रखें जाए। कार्रवाई से पहले 15 दिन का नोटिस दिया जाए। अगर अवैध निर्माण सिद्ध होता है तो निर्माण ढहाने से पहले उसे खुद हटा लेने का समय दिया जाए। प्रशासन खुद जज बनकर किसी का घर न गिराए।
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि अगर अधिकारियों ने सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देश के विरुद्ध जाकर किसी का घर गिराया तो अधिकारी की जिम्मेदारी होगी और उसे हर्जाना देना होगा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि ये सरकार की जिम्मेदारी है कि कानून का शासन बना रहे।
दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने अनुच्छेद 142 के तहत निर्देश जारी किए
➡अपराध की सजा घर तोड़ना नहीं।
➡दोषी होना घर तोड़ने का आधार नहीं।
➡घर सपना है कभी न टूटे।
➡लोकतंत्र में नागरिकों के अधिकार की रक्षा जरूरी।
➡सरकारी शक्ति का दुरुपयोग नहीं हो सकता।
➡सरकार की जिम्मेदारी,राज्य में कानून व्यवस्था बनाए रखें।
➡बिना मुकदमे के मकान नहीं गिरा सकते।
➡शासन मनमाने तरीके से मकान नहीं गिरा सकता।
➡मनमाने तरीके से घर गिराया तो प्रशासन जिम्मेदार।
➡मनमानी तरीके से घर गिराने पर अधिकारियों की जवाबदेही।
➡संविधान में आरोपियों को भी अधिकार मिले हैं।
➡बिना मुकदमे के किसी को दोषी नहीं ठहराया जा सकता।
➡प्रशासन जज नहीं बन सकता।
➡अगर अवैध तरीके से घर तोड़ा तो मुआवजा मिले।
➡अवैध कार्रवाई करने वाले अधिकारियों को दंडित किया जाए।
➡बुलडोजर एक्शन पर मनमाना रवैया बर्दाश्त नहीं।
➡अपराध की सजा देना कोर्ट का काम।
➡आम आदमी का घर वर्षों की मेहनत का नतीजा।
➡सिर पर छत होना भी जीने का अधिकार।
➡अवैध निर्माण को जुर्माना लगाकर नियमित किया जा सकता है।
➡आरोपी के अपराध की सजा पूरे परिवार को नहीं।
➡एक की गलती,तो सबको मकान से वंचित नहीं कर सकते।
➡आरोपी होने पर घर नहीं गिरा सकते।
➡नोटिस में बताएं मकान कैसे अवैध है।
➡नोटिस की जानकारी डीएम को दिया जाए।
➡3 महीने में पोर्टल बनाकर सभी को नोटिस साझा करें।
➡नोटिस में बताया जाए कौन सा हिस्सा अवैध है।
➡अवैध निर्माण तोड़ने की वीडियोग्राफी हो।
➡डीएम एक महीने में नोडल अधिकारी नियुक्त करें।
➡सभी राज्यों के मुख्य सचिव को आदेश भेजा जाए।
➡स्थानीय नगर निगम के मुताबिक नोटिस हो।
➡बुलडोजर एक्शन पर नोटिस डाक से भेजा जाए।
➡गलत कार्रवाई पर अधिकारियों को भुगतान करना होगा।
➡नोटिस के 15 दिन के भीतर कोई कार्रवाई न हो।