कूटरचित दस्तावेजों से बैकों एवं हाउसिंग लोन कम्पनियों से लोन स्वीकृृत कराकर करोडों की ठगी करने वाले गिरोह के 4 सदस्य गिरफ्तार
लखनऊ। एस0टी0एफ0 उत्तर प्रदेश लखनऊ को विगत काफी दिनों से जनपद लखनऊ में बैकों एवं हाउसिंग लोन कम्पनियों से कूटरचित दस्तावेजों के माध्यम से लोन स्वीकृृत कराकर धोखाधड़ी करने वाले गिरोह के बारे में सूचना प्राप्त हो रही थी। इस सम्बन्ध में एस0टी0एफ0 की विभिन्न इकाईयो/टीमों को अभिसूचना संकलन एवं कार्यवाही हेतु निर्देशित किया गया था। जिसके अनुपालन में श्री लाल प्रताप सिंह, अपर पुलिस अधीक्षक, एसटीएफ उ0प्र0 लखनऊ के पर्यवेक्षण में ठीम गठित कर अभिसूचना संकलन की कार्यवाही की जा रही थी।
निरीक्षक अंजनी कुमार पाण्डेय के नेतृत्व में निरीक्षक आदित्य कुमार सिंह, उपनिरीक्षक मनोज कुमार, मु0आ0 विनोद सिंह, गौरव सिंह, प्रशान्त कुमार सिंह, रणधीर सिंह, अखिलेश कुमार, शेरबहादुर, कृृष्ण कुमार त्रिपाठी की टीम अभिसूचना संकलन के क्रम में जनपद लखनऊ में भ्रमणशील थी। इस दौरान विश्वनीय सूत्रों से सूचना प्राप्त हुई कि फर्जी लोन कराने वाले गिरोह के कुछ सदस्य पिकप भवन के पास मौजूद है। इस सूचना पर विश्वास कर एसटीएफ टीम द्वारा उपरोक्त अभियुक्तों को पकड़ लिया गया। जिनसे उपरोक्त बरामदगी हुई।
गिरफ्तार अभियुक्तों ने पूछताछ पर बताया कि हम लोग ठगी करने के उद्देश्य से प्रापर्टी का कूटरचित अभिलेख, कूटरचित पैन व आधार कार्ड के आधार पर अलग-अलग व्यक्तियों की फोटो बदलकर, फर्जी लोगों को खडाकर बैंक आफ महाराष्ट्र, जम्मू एंड कश्मीर बैंक, यूको बैंक आदि अन्य बैंकों में खाता खुलवाते है तथा फर्जी विक्रेता खडाकर जमीन की रजिस्ट्री कराते है तथा उसी रजिस्ट्री के आधार पर होम फर्स्ट, पिरामल, गृृह शक्ति हाउसिंग, हिंदुजा हाउसिंग फाइनेस, किप्स हाउसिंग फाइनेंस आदि में होम लोन अप्लाई कराते है। हाउसिंग लोन कम्पनियों तथा बैंकों के सर्वेयर व कर्मचारियों से मिलकर लोन पास करा लेते है तथा प्राप्त रूपयों को आपस में बांट लेते है। प्राप्त रूपयों से ही लोन की कुछ किष्ते भरते है ताकि कम्पनियों को शक न हो और नये फर्जी लोन आसानी से करा सके। कुछ समय बाद किष्त देना बंद करके गायब हो जाते है। अब तक करीब 25-30 फर्जी तरीके से होम लोन करा चुके है। जिसमें होम फर्स्ट हाउसिंग से लगभग 18 फाइले, पिरामल फाइनेंस से लगभग 10, गृृह शक्ति व किप्स हाउसिंग फाइनेंस से लगभग 05 फाइले करा चुके है। अब तक लगभग 05 करोड़ से अधिक की धोखाधड़ी कर चुके है।