विकास कार्य धरातल पर स्पष्ट रूप से नजर आने चाहिए : केशव प्रसाद मौर्य
ग्राम्य विकास विभाग में सभी खाली पदों को भरने की प्रभावी कार्यवाही की जाय।
ग्राम चौपालों को और अधिक प्रबल व प्रभावी
रूप से सफल बनाया जाय।
पीएमजीएसवाई की सड़कों को शत् प्रतिशत एफडीआर तकनीक पर ही बनाने की कार्यवाही की जाय।
ग्राम्य विकास विभाग की वेबसाइट पर सूचनाएं अपडेट रखी जांय।
ग्राम्य विकास विभाग के बजट का समय से सदुपयोग किया जाना सुनिश्चित किया जाए।
समूहों के उत्पाद की गुणवत्ता बढ़ाने, उनकी बिक्री कराने के लिए उचित प्लेटफार्म दिलाने के प्रभावी प्रयास किये जांय,उनके सर्टिफिकेशन का भी प्रयास किया जाए।
उत्तर प्रदेश 30 लाख लखपति दीदी बनाने के लक्ष्य की ओर लगातार अग्रसर।
सभी टी एच आर प्लान्टो को सोलर पावर से जोड़ने की कार्यवाही में तेजी लायी जाय।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य ने ग्राम्य विकास विभाग के उच्चाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि ग्राम्य विकास विभाग के बजट का समय से सदुपयोग किया जाना सुनिश्चित किया जाए।
आवंटन के सापेक्ष व्यय और अधिक बढ़ाया जाए।
इसकी लगातार समीक्षा व अनुश्रवण किया जाए। विकास कार्यों की जमीनी हकीकत परखने के लिए नियमित रूप से निरीक्षण किये जांय और प्राप्त रिपोर्ट के आधार पर प्रभावी कार्यवाही सुनिश्चित की जाए। कहा कि विकास कार्य धरातल पर स्पष्ट रूप से नजर आने चाहिए।
उन्होंने निर्देश दिए हैं कि ग्राम्य विकास विभाग में सभी खाली पदों को भरने की प्रभावी कार्यवाही की जाय। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि विभाग में भर्ती में आरक्षण के नियमों का अक्षरशः पालन किया जाना सुनिश्चित किया जाए।सभी पदों की सूची उपलब्ध करायी जाय।उप मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन पदों का अधियाचन भेजा जाना अभी बाकी हो , उनका अधियाचन भी तत्काल भेजा जाय। इसमें कहीं किन्हीं औपचारिकताओं को पूर्ण किया जाना बाकी हो या कहीं कोई अड़चन हो, तो सम्बन्धित अधिकारी आपस में समन्वय कर समाधान सुनिश्चित करें।जो अधियाचन भेजे गये हैं उसकी समेकित सूचना उन्हें उपलब्ध करायी जाय।
श्री केशव प्रसाद मौर्य मंगलवार को अपने कैम्प कार्यालय 7- कालिदास मार्ग पर आयोजित उच्च स्तरीय बैठक में विभागीय कार्यों की समीक्षा कर रहे थे।
उप मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि बृहद स्तर पर की जाने वाली चौपालों के आयोजन की प्रभावी व ठोस रणनीति बनायी जाय। कहा कि चौपालों की गम्भीरता बनाये रखी जाय। चौपालों को भव्य स्वरूप दिया जाय। कहां कि सोशल आडिट व वित्तीय साक्षरता कार्यक्रमो को ग्राम चौपाल से एलाइन किया जाय। कहा कि विभाग में किसी भी स्तर भ्रष्टाचार नहीं होना चाहिए। इसके लिए प्रभावी कदम उठायें जांय। हर दृष्टिकोण से ग्राम्य विकास विभाग की योजनाओं के क्रियान्वयन में नम्बर एक पर रखना है। विभाग की स्वच्छ व पारदर्शी छवि बनाये रखी जाय।
उन्होंने कहा कि अधिक से अधिक बसावटों को पीएमजीएसवाई की सड़कों से जोड़ने हेतु भारत सरकार को प्रपोजल भेजा जाय और इस योजना की सभी सड़कें एफ डी आर तकनीक पर ही बनायी जांय। एफडीआर तकनीक से बनायी गयी सड़कों में बचत की गयी लगभग 2500करोड़ की धनराशि का ब्यौरा देते हुए उसके सापेक्ष यूपी के लिए अतिरिक्त धनराशि आवंटन के प्रपोजल भेजने का कार्यवाही की जाय। कहा कि सड़कें निर्धारित मानकों के अनुरूप ही बने और गुणवत्तापूर्ण बने। अन्य विभागों से समन्वय कर ग्रामीण अभियंत्रण विभाग द्वारा अधिक से अधिक कार्य कराने का प्रयास किया जाय। कहा कि एफडीआर तकनीक पर कार्य करने वाले ठेकेदारों की कार्यशाला करायी जाय। निर्माण कार्य गुणवत्तापूर्ण होने चाहिए। सड़कों का नियमित रूप से निरीक्षण कराया जाय।
निर्देश दिए कि टी एच आर प्लान्टो को
सोलर एनर्जी से जोड़ने की कार्यवाही कर उन्हें अनुदान दिलाने की कार्यवाही की जाय। जहां- जहां सोलर एनर्जी से जोड़ा गया है, उसकी सूची उपलब्ध करायी जाय।समूहों के उत्पादों की पैकेजिंग, गुणवत्ता व विपणन के लिए प्रभावी कदम उठाए जांय तथा समूहों द्वारा आपूर्ति की जाने वाली सामग्री का भुगतान समय कराया जाय। कहा कि टी एच आर प्लान्टो की उत्पादन व सप्लाई व्यवस्था में और अधिक सुधार किया जाय और प्रोडक्शन बढ़ाया जाए। जहां बी एम एम नहीं है ,वहां पर एडीओ आई एस बी से कार्य लेने की प्रक्रिया शुरू करने के लिए प्लान तैयार किया जाय।
कहा कि उत्तर प्रदेश 30 लाख लखपति दीदी बनाने के लक्ष्य की ओर लगातार अग्रसर है। इस कार्य में आजीविका रजिस्टर पर फीडिंग के कार्य में तेजी लायी जाय। समूहों की दीदियों को अलग-अलग विभागों की स्कीमों से जोड़ने के प्रभावी प्रयास किए जाएं। निर्देश दिए कि महाकुंभ में समूहों की दीदियों के उत्पादो के प्रचार प्रसार व बिक्री के लिए सभी जिलों के लिए पर्याप्त स्थान पहले से ही आरक्षित करा लिया जाए और कम से कम दो सरस मेले कुंभ में आयोजित करायें जाय। महिला सशक्तीकरण के लिये हर सम्भव प्रयास किए जाएं।
कहा कि समूहों के उत्पाद की गुणवत्ता बढ़ाने, उनकी बिक्री कराने के लिए उचित प्लेटफार्म दिलाने के प्रभावी प्रयास किये जांय तथा समूहों के उत्पादों के सर्टिफिकेशन का भी प्रयास किया जाए।उन्होंने कहा विभागीय कार्यों की प्रगति रिपोर्ट समय से उपलब्ध करायी जाय, इसके लिए जिम्मेदारी फिक्स की जाय।
उन्होंने निर्देश दिए कि विभाग के क्रियाकलापों व गतिविधियों को विकेंद्रीकृत करने का कार्य किया जाय। ग्राम्य विकास संस्थानों में उनकी क्षमता के अनुरूप प्रशिक्षण दिलाने की व्यवस्था की जाय। कहा कि एस आई आर डी ट्रेनिंग की सूचनाओ की अपडेटिग के लिए पोर्टल बनाये तथा ट्रेनिंग लेने वालों की बायोमेट्रिक हाजिरी लेने की व्यवस्था की जाय।
विभाग में प्राप्त आईजीआरएस के प्रकरणों के निस्तारण व अन्य शिकायतों के समाधान की ठोस व्यवस्था की जाय और लगातार मानीटरिग की जाय।उप मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि ग्राम्य विकास विभाग की उपलब्धियों का प्रचार -प्रसार किया जाए। कहां कि विभाग के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को और अधिक मजबूत किया जाय। सभी अच्छे कार्य, गतिविधियां, आडियो, वीडियो, फोटोग्राफ समय से लगातार अपलोड किये जाते रहें। सोशल मीडिया के बेहतर प्रबंधन पर विशेष रूप से फोकस किया जाय। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि मृतक आश्रितों को सेवायोजित करने व पेन्शन प्रकरणों के निस्तारण में तत्परता बरती जाए, किसी के देय लम्बित न रहें ,इसके लिए नियमानुसार कार्यवाही की जाय।
बैठक में अपर मुख्य सचिव, ग्राम्य विकास विभाग श्री हिमांशु कुमार , आयुक्त /सचिव ग्राम्य विकास जी एस प्रियदर्शी , सचिव ग्राम्य विकास विभाग सुखलाल भारती,राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन की मिशन निदेशक दीपा रंजन, यू पी आर आर डी ए के मुख्य कार्यपालक अधिकारी,अखण्ड प्रताप सिंह,विशेष सचिव राजेन्द्र सिंह,विशेष सचिव अनिल कुमार ,ग्रामीण अभियंत्रण विभाग के निदेशक जितेन्द्र सिंह परमार अधीक्षण अभियंता ईशम सिह,एस आई आर डी के प्र० अपर निदेशक बी डी चौधरी, सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।