महिला सशक्तिकरण व स्वावलंबन के लिए सरकार संकल्पबद्ध : केशव प्रसाद मौर्य
क्षेत्रीय खाद्य अनुसंधान एवं विश्लेषण केन्द्र, (आर-फैक) उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग तथा चाय वाला फाउंडेशन के बीच एम ओ यू किया गया
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा है कि मा0 प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में देश में खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में अभूतपूर्व सुधार हुये हैं और देश इस क्षेत्र में नवाचार, स्थिरता और सुरक्षा के लिए विश्वस्तरीय मानक स्थापित करने की ओर लगातार अग्रसर है।उत्तर प्रदेश में भी खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किये जा रहे हैं, और नई खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति में किसानों व उद्यमियों को विभिन्न सुविधाएं व अनुदान सरल तरीके से उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गयी है, जिसके तहत लोगों को लाभान्वित किया जा रहा है। उत्तर प्रदेश में खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों की बेहतर कार्यप्रणाली व सरकार के प्रयासों से लोगों को अच्छे व पौष्टिक खाद्य पदार्थ तो प्राप्त होंगे ही, खाद्य प्रसंस्कृत पदार्थो के निर्यात को भी बढ़ावा मिलेगा।उप मुख्यमंत्री ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश भी दिए हैं कि मोटे अनाजों के प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों के उत्पादों को अधिक से अधिक बढ़ावा दिया जाए। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि महिला सशक्तिकरण व स्वावलंबन के लिए सरकार पूरी तरह संकल्पबद्ध है। उप मुख्यमंत्री ने खाद्य प्रसंस्करण विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वह राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत गठित स्वयं सहायता समूहों कुछ दीदियों खाद्य प्रसंस्करण के कार्यो से जोड़कर उन्हें प्रशिक्षित करने की दिशा में ठोस व प्रभावी कदम उठायें।
इसी उद्देश्य की पूर्ति हेतु मंगलवार को क्षेत्रीय खाद्य अनुसंधान एवं विश्लेषण केन्द्र, (आर-फैक) उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग तथा चाय वाला फाउंडेशन के बीच एम ओ यू किया गया।इस पहल का उद्देश्य महिलाओं के उत्पादों को बाजार में लाना और उनकी आर्थिक स्थिति को सशक्त करना एवं आत्मनिर्भर बनाना है। क्षेत्रीय खाद्य अनुसंधान एवं विश्लेषण केन्द्र, (आर-फैक), लखनऊ द्वारा प्रशिक्षित महिलाओं, महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा निर्मित उत्पादों को चाय वाला फाउंडेशन, मुख्यालय दोव डेक टावर सी-204, वदोद्रा गुजराज एवं लोकल पता विभव खण्ड-4/24 नीयर मंत्री आवास, गोमती नगर, लखनऊ द्वारा संचालित मॉडल आउटलेट्स पर स्ट्रीट वेंडर के रूप में समस्त सरकारी दफ्तर (समस्त कलेक्ट्रेट डिस्ट्रिक्स हास्पिटलस नगर पालिका एवं नगर निगम के अन्तर्गत आने वाले स्थान विकास प्राधिकरण ब्लॉक आवास विकास चौराहा एवं कालोनी तथा प्राइवेट स्थान पर भी) विक्रय करने के लिए समझौता किया गया।
आर फ्रैंक के निदेशक श्री एस के चौहान ने बताया कि क्षेत्रीय खाद्य अनुसंधान एवं विश्लेषण केन्द्र, (आर-फैक) द्वारा महिलाओं, महिला स्वयं सहायता समूहों को खाद्य प्रसंस्करण, पैकेजिंग, और गुणवत्तापूर्ण उत्पाद निर्माण में विभिन्न विभागों को सौजन्य से प्रशिक्षण प्रदान करेगा। चाय वाला फाउंडेशन द्वारा संचालित मॉडल आउटलेट्स पर क्षेत्रीय खाद्य अनुसंधान एवं विश्लेषण केन्द्र, (आर-फैक) द्वारा प्रशिक्षित महिलाओं के उत्पाद स्ट्रीट वेंडर मॉडल के तहत विक्रय किए जाएंगे। ये आउलटलेट (समस्त कलेक्ट्रेट डिस्ट्रिक्स हास्पिटलस नगर पालिका एवं नगर निगम के अन्तर्गत आने वाले स्थान विकास प्राधिकरण ब्लॉक आवास विकास चौराहा एवं कालोनी तथा प्राइवेट स्थान पर भी) खोले जायेगें।चाय वाला फाउंडेशन क्षेत्रीय खाद्य अनुसंधान एवं विश्लेषण केन्द्र, (आर-फैक) द्वारा प्रशिक्षित महिलाओं को अपने उत्पादों को बेचने के लिए आउटलेट्स उपलब्ध कराएगा और उनकी मार्केटिंग, पैकेजिंग, और बिक्री प्रबंधन में सहयोग प्रदान करेगा। चायवाला फाउंडेशन द्वारा संचालित आउटलेट के माध्यम से फिक्स्ड मंथली हिस्सा फिक्स्ड रॉयल्टी धनराशि रू०0-1000 प्रति आउटलेट प्रतिमाह क्षेत्रीय खाद्य अनुसंधान एवं विश्लेषण केन्द्र, (आर-फैक) को देय होगा। क्षेत्रीय खाद्य अनुसंधान एवं विश्लेषण केंद्र, (आर-एफएसी) उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग।
महिलाओं को खाद्य प्रसंस्करण और उत्पाद निर्माण का प्रशिक्षण प्रदान करेगा। उत्पादों की गुणवत्ता और मानकों की निगरानी करेगा। महिलाओं को उत्पाद निर्माण के लिए आवश्यक संसाधन और तकनीकी सहायता उपलब्ध कराएगा।
चाय वाला फाउंडेशन,महिलाओं के बने उत्पादों के विक्रय के लिए मॉडल आउटलेट्स की स्थापना और संचालन करेगा। इन आउटलेट्स में महिलाओं द्वारा निर्मित उत्पादों की बिक्री के लिए सुविधाएं प्रदान करेगा। आउटलेट्स की मार्केटिंग और प्रचार के लिए सहयोग करेगा ताकि अधिक से अधिक ग्राहक महिलाओं के उत्पादों को खरीद सकें।
लक्षित महिला समूह
स्वयं सहायता समूहों (SHGs) से जुड़ी महिलाएं जो क्षेत्रीय खाद्य अनुसंधान एवं विश्लेषण केन्द्र, (आर-फैक) द्वारा प्रशिक्षित की गई हैं अथवा स्वयं सहायता ग्रुप समूह द्वारा रजिस्टर्ड है। गरीब, आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की महिलाएं, जिन्हें इस परियोजना के माध्यम से रोजगार और व्यापार का अवसर दिया जाएगा। ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों की महिलाएं जो अपने उत्पादों को बेचना चाहती हैं।
बताया कि चाय वाला फाउंडेशन द्वारा किए जा रहे इस कार्य में अब तक 650 महिलाओं को सीधे या परोक्ष रूप से रोजगार के मुख्यधारा से जोड़ा जा चुका है। इन महिलाओं को विभिन्न मेडिकल कॉलेजों में काम करने का अवसर प्रदान किया गया है, जिससे उन्हें आत्मनिर्भर बनने और समाज में अपने योगदान को बढ़ाने का मौका मिला है। यह फाउंडेशन महिलाओं के सशक्तिकरण और रोजगार सृजन की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।