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 ग्रामीण परिवारों को मनरेगा जॉब कार्ड जारी करने में उत्तर प्रदेश सबसे आगे

ग्रामीण परिवारों को मनरेगा जॉब कार्ड जारी करने में उत्तर प्रदेश सबसे आगे



 ग्रामीण परिवारों को मनरेगा जॉब कार्ड जारी करने में उत्तर प्रदेश सबसे आगे 

प्रदेश में अब तक 1.59 करोड़ परिवारों को जारी किये गये जॉब कार्ड

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य के नेतृत्व व निर्देशन में गांवों के चहुंमुखी विकास के कार्य निर्बाध गति से चल रहे हैं।ग्रामीण परिवारों को काम के लिए बाहर पलायन न करना पड़े, इसलिए ग्रामीण परिवारों को उनके गांव में ही मनरेगा के तहत रोजगार उपलब्ध करायें जाने की मुकम्मल व्यवस्था की गयी है। ग्रामीण परिवारों को नियमानुसार रोजगार दिया जा रहा है।ग्रामीण परिवारों को जॉब कार्ड जारी करने में उत्तर प्रदेश पहले स्थान पर है।प्रदेश में अब तक 1,59,04,869 परिवारों को जॉब कार्ड जारी किये जा चुके हैं। 


महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्र के बेरोजगार और वंचित वर्गों के इच्छुक लोगों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना है। यह योजना बेरोजगारों और रोजगार की जरूरत वाले लोगों के लिए “काम करने के अधिकार” की गारंटी देता है। एक वित्तीय वर्ष में कम से कम 100 दिन का मजदूरी रोजगार प्रदान करके ग्रामीण क्षेत्रों में आजीविका को बढ़ाने का निरंतर प्रयास जारी है।


प्रदेश में सीतापुर जनपद ने अब तक सबसे ज्यादा परिवारों को जॉब कार्ड जारी किये हैं। बता दें कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी अधिनियम योजना के तहत स्थानीय ग्राम पंचायत में रजिस्ट्रेशन कराने वाले आवेदक को जारी किया जाने वाला दस्तावेज है। मनरेगा जॉब कार्ड, इस योजना के तहत नामांकित व्यक्ति के लिए एक पहचान प्रमाण की भूमिका भी निभाता है।

 

बता दें कि इस कार्ड में, रजिस्टर्ड व्यक्ति से संबंधित सारे विवरण रहते हैं। इसमें व्यक्ति का नाम, मनरेगा रजिस्ट्रेशन नंबर, परिवार का विवरण, इत्यादि शामिल रहता है। यह जॉब कार्ड, इस योजना के तहत व्यक्ति की हकदारी के प्रमाण की भूमिका भी निभाता है। मनरेगा अधिनियम के तहत अनिवार्य रूप से ‘काम करने का अधिकार’ मिल जाता है। यदि पंजीकरण के 15 दिनों के भीतर काम नहीं दिया जाता है तो श्रमिक को प्रतिदिन बेरोजगारी भत्ता देने का भी प्रावधान है।


मनरेगा जॉब कार्ड के लिए आवेदन करने के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन पंजीकरण कराना होता है. इसके लिए स्थानीय ग्राम पंचायत पर फॉर्म सुविधा उपलब्ध होती है. पंजीकरण के बाद सभी दस्तावेजों की जांच कर उसका सत्यापन किया जाता है. आवेदन सत्यापित और स्वीकृत हो जाने के बाद धारक को मनरेगा जॉब कार्ड जारी किया जाता है. यह आवेदन के सत्यापन के 15 दिनों के भीतर आवेदनकर्ता को जॉब कार्ड जारी कर दिया जाता है।