पूर्व मंत्री गोपालजी की प्रथम पुण्यतिथि पर भावपूर्ण श्रद्धांजलि, लखनऊ में आयोजित कार्यक्रम में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ योगी आदित्यनाथ ने किया स्मरण
पूर्व मंत्री गोपालजी की प्रथम पुण्यतिथि पर भावपूर्ण श्रद्धांजलि, लखनऊ में आयोजित कार्यक्रम में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने किया स्मरण
लखनऊ। लखनऊ में उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री आशुतोष टंडन उर्फ गोपालजी की प्रथम पुण्यतिथि पर एक श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित किया गया, इस कार्यक्रम में भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद रहे। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए अपने भाव व्यक्त किए। कार्यक्रम में गोपालजी के समर्थकों, परिवारजनों, और शहर के नागरिकों ने हिस्सा लिया, जो उनके योगदान और लोक सेवा को स्मरण करने के लिए एकत्र हुए थे। गोपालजी, जो अपने हंसमुख स्वभाव और मिलनसारिता के लिए प्रसिद्ध थे, पुराने और नए लखनऊ के बीच एक सेतु की तरह माने जाते थे।
गोपालजी की अद्वितीय सेवा और लखनऊ में उनकी भूमिका
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा, "मैं मानता हूँ कि अटलजी के विचार को जिन लोगों ने जिंदगी में शिद्दत से जी कर दिखाया है, तो उनमें श्री लालजी टंडन जी और गोपाल टंडन जी का नाम सबसे पहले आता है।" उन्होंने गोपालजी को केवल एक नेता के रूप में ही नहीं, बल्कि एक प्रेरणा स्रोत के रूप में याद किया, जिनका जीवन सेवा और समर्पण की मिसाल था। गोपालजी का योगदान लखनऊ के समाज में अमिट छाप छोड़ गया है, और उनका सादगी भरा जीवन सभी के लिए प्रेरणा बना रहेगा।
पुराने और नए लखनऊ को जोड़ने वाले सेतु
गोपालजी अपने व्यवहार में सरल, लोगों के बीच मिलनसार और सदा ही उनकी मदद के लिए तत्पर रहते थे। लखनऊ में उनके योगदान को याद करते हुए लोगों ने कहा कि वे वास्तव में पुराने और नए लखनऊ के बीच सेतु के समान थे। उनकी यह खासियत थी कि वे हर किसी से आत्मीयता से मिलते और सभी की समस्याओं को सुनते थे। वे शहर की धरोहर, संस्कृति और जनता के बीच एक अविस्मरणीय नेता के रूप में हमेशा याद किए जाएंगे।
समाजसेवा में गोपालजी का समर्पण और योगदान
गोपालजी का जीवन समाजसेवा को समर्पित था। उन्होंने हमेशा समाज के हित के लिए कार्य किया और अपने पद का इस्तेमाल जनसेवा के लिए किया। उन्होंने उत्तर प्रदेश की राजनीति में अपने सेवा कार्यों के माध्यम से एक अनोखा स्थान बनाया। उनके करीबी कहते हैं कि उन्होंने अपने पद का कभी गलत उपयोग नहीं किया और न ही कभी अपने सिद्धांतों से समझौता किया।
श्रद्धांजलि सभा में लोगों ने जताया सम्मान
कार्यक्रम में मौजूद लोगों ने गोपालजी की सादगी, सहृदयता और सेवा के प्रति उनके समर्पण को याद करते हुए उन्हें सम्मानित किया। वहीं कार्यक्रम में उपस्थित लोगों ने उनके आदर्शों और मूल्यों को आत्मसात करने का संकल्प लिया।