भारतवर्ष विश्व गुरु बनने की ओर अग्रसर, सामाजिक कुरीतियों-पाखंड पर करें प्रहार- आरिफ मोहम्मद खान
दुर्दशा के कारणों को जानना है, तो दयानंद को पढ़ें- आरिफ मोहम्मद खान
भारतवर्ष विश्व गुरु बनने की ओर अग्रसर, सामाजिक कुरीतियों-पाखंड पर करें प्रहार- आरिफ मोहम्मद खान
प्रदेश में हो रहा धार्मिक, सामाजिक और सांस्कृतिक पुनर्जागरण- पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह
तीन दिवसीय विराट आर्य महाकुंभ संपन्न, देशभर के कई विद्वानों ने रखे विचार
लखनऊ। महर्षि दयानंद की 200वीं जन्म जयंती के उपलक्ष आयोजन तीन दिवसीय आर्य महाकुंभ सोमवार को संपन्न हो गया। समापन कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने भारत की महान विरासत और संस्कृति का बखान किया। उन्होंने आर्य महाकुंभ के आयोजन को संस्कृति संरक्षण की दिशा में मील का पत्थर बताया। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने प्रदेश सरकार द्वारा किए जा रहे धार्मिक सामाजिक और सांस्कृतिक पुनर्जागरण के कार्यों का विस्तार से उल्लेख किया।
फिरोजाबाद के सिरसागंज में 16 से 18 नवंबर 2024 तक आर्य महाकुंभ का आयोजन हुआ जिसमें धार्मिक, सांस्कृतिक, कवि सम्मेलन सहित कई प्रस्तुतियां दी गई। अंतिम दिन कार्यक्रम का आरंभ केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान और उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने दीप प्रज्वलन कर किया। जयवीर सिंह ने केरल के गवर्नर का स्वागत सम्मान किया।
आर्य महाकुंभ के समापन सत्र में मुख्य अतिथि केरल के राज्यपाल ने संबोधन कहा, 'धर्म-अध्यात्म के प्रति आस्था, कुरीतियों पर प्रहार, पाखंड के विरुद्ध प्रतिरोध, राष्ट्रीय चेतना, युवा शक्ति प्रोत्साहन और नारी सशक्तिकरण की दिशा में ठोस कार्य करने के लिए आर्य महाकुंभ ने अविस्मरणीय योगदान दिया है। विश्व में सबसे संस्कृति महान होने के बाद भी सदियों तक सामाजिक दुर्दशा क्यों रही? इस बात पर राज्यपाल ने कहा, कि भारत की दुर्दशा का कारण जानने के लिए स्वामी दयानंद को पढ़ना चाहिए। उन्होंने कहा, एक समय में कुरीतियों और पाखंड का जाल इस हद तक बढ़ गया था कि हम ने अपना मूल ज्ञान भुला दिया, जिसका नतीजा पराजय और गुलामी के रूप में लंबे समय तक भुगतना पड़ा। आरिफ मोहम्मद खान ने कहा, स्वामी दयानंद जैसे लोग सदियों बाद धरती पर आते हैं। आर्य समाज की स्थापना से उन्होंने मानवता पर पड़ा उपकार किया।'
केरल के राज्यपाल ने कहा, 'महान लोगों के बताए मार्ग पर चलकर भारतवर्ष तेजी से विश्व गुरु बनने की ओर अग्रसर है। उन्होंने आह्वान किया कि पाखंड और कुरीतियों समाज को विकृत करती हैं जितनी जल्दी हो सके, इन्हें त्याग देना चाहिए।'
इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने राज्य की योगी आदित्यनाथ सरकार द्वारा किए जा रहे धार्मिक, सामाजिक और सांस्कृतिक पुनर्जागरण के कामों का विस्तार से उल्लेख किया। उन्होंने कहा, 'इन क्षेत्रों में महत्वपूर्ण कार्य करने के साथ-साथ नए युग के आर्थिक, औद्योगिक एवं तकनीकी विकास की ओर भी सरकार महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल कर रही है।'
वैदिक भारत एवं विश्व सम्मेलन के शीर्षक से प्रथम सत्र में अनेक विद्वानों ने विचार व्यक्त किए। पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय के कुलाधिपति सत्यपाल सिंह, पूर्व सांसद स्वामी सुमेधानंद सरस्वती, उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर दिनेश चंद्र शास्त्री, कालिदास संस्कृत विश्वविद्यालय नागपुर के कुलपति प्रो। हरिराम त्रिपाठी, सर्वदेशिक आर्य प्रतिनिधि सभा दिल्ली के मंत्री विट्ठल राव आर्य एवं आर्य प्रतिनिधि सभा उत्तर प्रदेश के प्रधान देवेंद्र पाल वर्मा आदि विद्वानों ने अपने विचार व्यक्त किए। जिलाधिकारी रमेश रंजन द्वारा विद्वानों एवं अतिथियों का प्रतीक चिन्ह, पटका, गुच्छ से स्वागत सम्मान किया गया।