2 जनवरी तक स्वामी चिन्मय दास की टाल दी गई जमानत
बांग्लादेश में स्वामी चिन्मय दास की जमानत याचिका 2 जनवरी तक टाल दी गई। क्योंकि उनके लिए कोई भी वकील अदालत में नहीं आया। उनका पहला वकील एक मुस्लिम ही था। जिसे कोर्ट से बाहर मुसलमान की भीड़ में पीट-पीट कर मार डाला।
उनका दूसरा वकील एक हिंदू रमन राय थे जिन्हें कोर्ट में ही पुलिस और सेना के सामने भीड़ ने मॉब लिंचिंग की उनके घर पर हमला हुआ। उनके परिवार पर हमला हुआ कि वह आईसीयू में बेहद सीरियस हालत में भर्ती हैं। उनके दिमाग पर काफी चोट आई है तीन जगह फ्रैक्चर हो गया है। नतीजा यह हुआ कि आज बांग्लादेश में एक हिंदू संत चिन्मय दास को कोई वकील नहीं मिल रहा।
आप भारत में सोचिए मुंबई में 1000 से ज्यादा लोगों को ब्लास्ट करके मारने वाले याकूब मेमन जिसकी निचली अदालत हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में जुर्म साबित हुआ। उसे भी रात को 2:00 बजे वकील मिल जाते हैं। लोकतंत्र के दिल संसद पर हमला करके 30 लोगों को मारने वाले अफजल गुरु को मुफ्त में वकील मिल जाता है।
भारत में हर एक आतंकी को मुफ्त में वकील मिल जाते हैं और वकील भी कोई छोटा मोटा नहीं वो लोग जिनके नाम से कोर्ट चलती है।
"हिंदुओं अब तो जागो अब तो सोचोऔर याद रखना बटोगे तो कटोगे"
और बांग्लादेश में एक हिंदू संत को जिसके ऊपर कोई आरोप नहीं है। उसे कोई वकील नहीं मिल रहा है