
पहले होती थी यहां पढ़ाई, अब बन गया चारागह, टहल रहे मवेशी, पढ़ने के लिए 2 किमी जाने को मजबूर मसूम बच्चे
पहले होती थी यहां पढ़ाई, अब बन गया चारागह, टहल रहे मवेशी
पहले होती थी यहां पढ़ाई, अब बन गया चारागह, टहल रहे मवेशी, पढ़ने के लिए 2 किमी जाने को मजबूर मसूम बच्चे
वीरेंद्र कुमार राव, बहराइच। जिले के ग्राम पंचायत उर्रा बाजार में कन्या जुनियर बेसिक विद्यालय का संचालन होता था। लेकिन जर्जर हुए विद्यालय का दोबारा निर्माण नहीं कराया गया। आज विद्यालय में मवेशी टहल रहे हैं। बड़ी-बड़ी घास उग आई हैं। यहां के बच्चे दो किलोमीटर दूर जूनियर हाईस्कूल में शिक्षा ग्रहण करने के लिए जाते हैं। विकास खंड मिहीपुरवा अंतर्गत ग्राम पंचायत उर्रा बाजार में कन्या जूनियर बेसिक विद्यालय का संचालन डेढ़ दशक पूर्व होता था। इस स्कूल में कक्षा एक से कक्षा 8 तक की छात्राएं शिक्षा ग्रहण करती थी।
लेकिन जर्जर भवन होने के चलते यहां पर पढ़ाई बंद हो गई। लेकिन इस निष्प्रयोज्य भवन को तोड़कर नया विद्यालय बनाए जाने का प्रस्ताव बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से नहीं भेजा गया। जिसके चलते विद्यालय के नाम दर्ज जमीन खंडहर में तब्दील है। इस निष्प्रयोज्य जमीन में छुट्टा मवेशियों का डेरा है। इतना ही नहीं पूरे विद्यालय में बड़े बड़े घास लग गए हैं।
बीच बाजार में विद्यालय के नाम स्थित करोड़ों कीमत की जमीन अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है। इतना ही नहीं बाजार के गरीब छात्र दो किलोमीटर की दूरी तय कर जूनियर विद्यालय में शिक्षा ग्रहण करने को विवश हैं। मालूम हो कि क्षेत्र के बच्चों को बेहतर शिक्षा मिल सके, इसके लिए गांव निवासी किशोरी लाल और जगदीश प्रसाद गोयल ने विद्यालय का निर्माण करवाया था।
विद्यालय बनने से कई फायदे बीच बाजार में स्थित करोड़ों मूल्य के जमीन अपनी स्थिति को स्वयं बयां कर रही है। अगर यह विद्यालय बन जाए तो बाजार के साथ चाइन टोला, बगिया मोहल्ले के बच्चे नजदीकी क्षेत्र में शिक्षा ग्रहण कर सकते हैं।भेजा जाना चाहिए प्रस्ताव उर्रा बाजार में कन्या विद्यालय का जर्जर भवन है और उसका दोबारा निर्माण नहीं हुआ। इसकी जानकारी अब हुई है।
अगर विद्यालय की जमीन है और उसके नाम दर्ज है तो दोबारा प्रस्ताव भेजकर निर्माण करवाना चाहिए। इसकी जांच खंड शिक्षा अधिकारी से करवाई जा रही है। इसके बाद आगे की कार्रवाई होगी... आशीष कुमार सिंह बीएसए।